An Ode to the things that are so priceless and almost timeless, things that one can ignore occasionally but can not lose from the mind..... Sharing a few such items in next few days starting with the one today.
Apologies for the fiends who font read Hindi and I tried to translate but could translate the words and not the emotions so I gave up (for now...will try again) .......
सोचता हूँ यह पड़ के शायद कुछ मन के कोने से बातें आपको भी याद आये और आप अपनी बेशकीमती चीज़ें मेरे साथ भी बाँटें। ……
Apologies for the fiends who font read Hindi and I tried to translate but could translate the words and not the emotions so I gave up (for now...will try again) .......
सोचता हूँ यह पड़ के शायद कुछ मन के कोने से बातें आपको भी याद आये और आप अपनी बेशकीमती चीज़ें मेरे साथ भी बाँटें। ……
कुछ चीज़ें बेशकीमती होती हैं
जैसे खिड़की के पक्के कांच पर गिरती हुई बारिश की कच्ची बूँदें
गिर के टूटती हुई उन बूंदों को देखना
हाथ में थामे हुए गर्म चाय का गर्म प्याला
कुछ ज़बान पे छूटता और कुछ कानों में घुलता हुआ
उस स्वाद से मिली-भगत कर सांस को चटकाती
रसोई में बनते हुए पकोड़ों की मिर्चीली महक
उस महक में मिलता खट्टी मीठी चटनियों का रस
सालों पहले की बारिश
उस बारिश के गीले लम्हों की भीगी हुई याद
कुछ चीज़ें बेशकीमती होती हैं
जैसे गर्मी में दोपहर की चमकती सी धूप ………।
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आप बारिश में भीगने के एहसास को सोचिये।
धूप की आंच १-२ दिन बाद
आपकी राय की प्रतीक्षा रहेगी.......
Very nicely expressed. Expressions from heart.
ReplyDeleteVery nicely expressed. Expressions from heart.
ReplyDeleteThanks Bhai....Next few are in the making...hope these will stir some memories
ReplyDeleteKuchh chizen sahi mein beshkimati hoti hai!! - thanks for sharing.
ReplyDeleteTrue, thanks for reading... I will have more in this line soon...:)
ReplyDeleteKhub ahsas hai. Tum jeh sab bhi soch lete ho. God bless you
ReplyDeleteThanks a lot Pa. 2nd poem in this series soon
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