तुम उड़ने की आस न छोड़ो
निखिल डोगरा
पंख भी उगेंगे इन कन्धों पे
तुम उड़ने की आस न छोड़ो
जब तक वो सच ना हो जाएँ
तब तक उनको थामे रहना
होते है नाज़ुक बड़े सपने
तुम सपनो का हाथ ना छोड़ो
डरने वाले को और डराओरीत यही चली दुनिया कीलाख डराना चाहे कोईतुम हिम्मत का साथ ना छोड़ो
तुम खुद के मालिक हो खुद ही
या फिर वो मालिक है जो सब का
अपनी मेह्नत पे रखो भरोसा
तुम किस्मत पे बात ना छोड़ो
छूना चाहो जब भी नभ कोभले लगो तब पागल जग कोबाहें फैलाओ आँखे मूंदोऔर अपना विश्वास न छोड़ोपंख भी उगेंगे इन कन्धों पेतुम उड़ने की आस ना छोड़ो
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