I was reading some of Ghalib's work and though he is without doubt the Best. No words to say how I feel about his work and especially some portions....
Sharing some of the lines from various ghazals... Hope you enjoy them as much as I do.....
तेरे वादे पर जिए हम, तो यह जान झूठ जाना
कि ख़ुशी से मर न जाते, अगर ऐतबार होता !
यह कहाँ की दोस्ती है, कि बने हैं दोस्त नासे
कोई चारासाज होता कोई ग़म-ख्वार होता!
हुआ जब ग़म से य़ू बेहिस तो ग़म क्या सर के कटने का
न होता ग़र जुदा तन से तो ज़ानो पर पड़ा होता
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ता फिर न इंतज़ार में नींद आये उम्र भर
आने के एहद कर गए, आये जो ख्वाब में
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अपनी हस्ती ही से हो जो भी हो,
आगाही ग़र नहीं ग़फलत ही सही
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