Defining Being

As you may know me.... I try to pen my feelings, with more honesty than with language and grammar. While reading the posts below you may experience what compelled me to write these.
While I was thinking of giving a name to my Blog; this came to me; "Nuances of Being"
Being "Me" is the best that I am at and hope that will show in the posts below

And Thanks for reading

~Nikhil




Friday, December 6, 2019

अनकहे 

An ode to the unsaid .....

अनकहे 



कुछ अनकहे लफ्ज़ जो होठों पे आते रुक जाते हैं 
कुछ अधूरे अरमां दिल में दबे हुए, बस वही सो जाते हैं 
वह सपने जो नींद उड़ा दिया करते थे कभी 
वो भी अनजानों  की तरह अब मिलने को कतराते हैं 





कुछ हवा बदल गयी शायद. या समां बदल गया है 
दुनिया नहीं है पहले सी , यह जहाँ बदल गया है 
वक्त चल रहा हमेशा पर अब रफ़्तार बढ़ गयी 
बस हम बदल नहीं सके, साथ चल नहीं सके 
न मंज़िले वही रही और रास्ता बदल गया 



वो लफ्ज़ बोल भी दो तो, अब कौन है जो सुन रहा है?
 वो "अपने सा बेकार" यार था जो कभी , 
अब वो भी अपनी मसरूफ़ियत है बुन  रहा है 
सपने ग़र आ भी जाये तो, आ के सहम से जाते हैं 
जब अपनी ताबीर की न कोई वजह पाते हैं 

और 

कुछ अनकहे लफ्ज़ जो होठों पे आते रुक जाते हैं 
कुछ अधूरे अरमां दिल में दबे हुए, वही सो जाते हैं 
वह सपने जो नींद उड़ा दिया करते थे कभी 
वो भी अनजानों  की तरह अब मिलने को कतराते हैं 

15 comments:

  1. Too good, I think there is something for everyone in it, ya some thoughts touched me and it conveys a lot.
    Tinu I still have your "prayas" with me

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  2. Ultimate टीनू भैया
    मज़ा आ गया ।
    No लफ्ज़ to say how beautiful it is ।

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  3. Meaningful, Beautiful, Touching. All in one.. Hats off to you...

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  4. A real poet in you Bhaiya..well done... N keep it up👌👌👌

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  5. very touching, bas apni udaan ko zaari rakhna, stay blessed.

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  6. Mere.dil.kibaat.keh.di
    Excellent.explain.karne
    Ke.liye.No.words.pyar.aa.gaya

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  7. Amazing Poem chachu!! Very heart touching!!

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