In the middle of days, took a pause and just spent a few moments with life and below is a quick balance sheet.....
चवन्नी जमा अठन्नी खर्च
ज़िन्दगी एक रुपइया कुल
चवन्नी जमा अठन्नी खर्च
ज़िन्दगी एक रुपइया कुल
चवन्नी जमा, अठन्नी खर्च
बाकी कही इधर उधर धर के भूले हैं
कुछ बेकार ही डर के पीछे
कुछ ख्वाब ख्याल में खोये
बाकी याद नहीं कहाँ छूटे हैं
कुछ कमा कर, कुछ गवा कर
कुछ जोड़ा, और कुछ गुमा कर
नुक्सान-नफा कहाँ समझाएं
बही नहीं, जो खाता मिलाएं
एक कच्ची फहरिस्त की धुंदली सी याद
उसमें कुछ हिसाब, मैली स्याही के दाग सा
वो हिसाब भी जमा-घटा कर के भूले हैं
This is reality
ReplyDelete:) always bhai
DeleteWah wah
ReplyDeleteThanks Sir. Stating facts only :)
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