Defining Being

As you may know me.... I try to pen my feelings, with more honesty than with language and grammar. While reading the posts below you may experience what compelled me to write these.
While I was thinking of giving a name to my Blog; this came to me; "Nuances of Being"
Being "Me" is the best that I am at and hope that will show in the posts below

And Thanks for reading

~Nikhil




Sunday, March 25, 2018

चवन्नी जमा अठन्नी खर्च

In the middle of days, took a pause and just spent a few moments with life and below is a quick balance sheet.....


चवन्नी जमा अठन्नी खर्च

ज़िन्दगी एक रुपइया कुल 
चवन्नी जमा, अठन्नी खर्च 
बाकी कही इधर उधर धर के भूले हैं 

कुछ सिक्के शिकवों के नीचे 
कुछ बेकार ही डर के पीछे 
कुछ ख्वाब ख्याल में खोये 
बाकी याद नहीं कहाँ छूटे  हैं 

कुछ कमा कर, कुछ गवा कर 
कुछ जोड़ा, और कुछ गुमा कर 
नुक्सान-नफा कहाँ समझाएं 
बही नहीं, जो खाता  मिलाएं 
एक कच्ची फहरिस्त की धुंदली सी याद  
उसमें कुछ हिसाब, मैली स्याही के दाग सा 
वो हिसाब भी जमा-घटा कर के भूले हैं



ज़िन्दगी एक रुपइया कुल 
चवन्नी जमा अठन्नी खर्च 
बाकी कही इधर उधर धर के भूले हैं

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