मारने से बचाने वाला हमेशा बड़ा होता है।
ऐसा कई बार सुना है, और सच भी है; लकिन एक हि तुलना क्यूँ और भी तो ऐसी परिस्तिथियाँ हैं जिन में बहुत साफ़ दीखता है कि कौन बढ़ा है. ऐसी ही कुछ तुलनाये जोड़ के लिख रहा हुँ । और आखिरी कुछ पंक्तिया थोड़ा अधिक सोच के लिखी है। शायद अच्छी लगें ॥
मारने से बचाने वाला
हमेशा बड़ा होता है।
तोड़ने वाले से जोड़ने वाला
हमेशा बड़ा होता है
छीनने वाले से दिलाने वाला
मांगने वाले से खिलाने वाला
हमेशा बड़ा होता है
रुलाने वाले से हँसाने वाला
सब में बाँट के खाने वाला
हमेशा बड़ा होता है
डराने वाले से हिम्मत बढ़ाने वाला
मझधार से किनारे तक लाने वाला
हमेशा बड़ा होता है
रूठ जाये हम भी सोचा कुछ बार मगर
रोक लिया खुद को, कि थी हमको यह ख़बर
रूठने वाले लाख खुद को बड़ा माने;
पर रूठने वाले से मनाने वाला
हमेशा बड़ा होता है |
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