देखता हु उन्हें,
हँसते, खिलखिलाते
प्यारी सी बातें करते, फिर खुद ही उन पे इतराते,
छोटी भोली शरारते; और फिर आँखें चुराते।
मेरे हर दिन के दो सूरज
अलसाई आँखों में किरणों की सी हरारत लिए
हर दिन मेरी गोद में जागते
मेरी रात के दो चंदा,
राहत भरी मुस्कान की ठंडक ले
हर रात गले से लग;
"Good-Night Papa" कह सोने जाते
मै करबद्ध हो कुछ इतराता
फिर-फिर से माँगा येही करता
मुझको जो सौगात है मिली
उसके काबिल हो जाऊ बस
इन्ह मीठी मुस्कानों को
हर दिन कायम रख पाऊ बस
Awesome lines ... Nikhil .... actually it has directly come from the bottoms of your heart. ...
ReplyDelete.. Take care and keep sharing your writtings ... .....! Happy new year !!!