Life is a celebration, one need not always have the lights and the music and dance. As long as heart can enjoy the small pleasure that this miracle called life can bring, the festival of life is on and is worth celebrating. Some celebratory acts of mine in few lines below
कुल्हड़ में चाय पीता हूँ
नुक्कड़ से चाट मंगाता हूँ
जीवन उत्सव कभी कभी
ऐसे भी मनाता हूँ
ख़ुशी चाशनी जलेबी की
दुःख मिर्ची के सालन सा
यादों की चटनी संग खाता हूँ
जीवन उत्सव कभी कभी
ऐसे भी मनाता हूँ
चाय की चुस्कियों सी
दोस्तों की मीठी गुनगुनी बातें सुनता हूँ,
नमकपारे - मठरी से किस्से साँझा कर
महफ़िल-ए-शाम सजाता हूँ
जीवन उत्सव कभी कभी
ऐसे भी मनाता हूँ
बातों का शौक, खाने का स्वाद
या खाने का शौक, बातों का स्वाद
पहेली यह भली,पहेली ही सही
इसे सुलझाए बिना बस
इसका भी मज़ा उड़ाता हूँ
जीवन उत्सव कभी कभी
ऐसे भी मनाता हूँ
Those who know me well, will know what I mean 😃