Sharing my new poem, wrote it multiple weeks ago, and thought of posting. One of those rare times when I try to add some urdu words to my hindi flow. Knowing more than one language and not being a master on any is a blessing in it self . Will be back soon with a more regular post
कोई रहनुमा न था
चल तो रहे थे पर वहां रास्ता न था
कोई रहनुमा न था
चल तो रहे थे पर वहां रास्ता न था
पूछने को भी तो कोई रहनुमा न था
मंज़िल कहीं पे होगी एक उम्मीद थी मगर
किस ओर चले सोचने का हौसला न था
पाँव के निशां से आबाद तो था सहरा
मीलों तक मगर वहां कोई कारवां न था
शाम जाम कहकहे दोस्तों की महफ़िल
बहाने थे बहलाने को, जशन का असल कोई फलसफा न था
चल तो रहे थे पर वहां रास्ता न था
पूछने को भी तो कोई रहनुमा न था
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Some meanings
रहनुमा Guide
आशना Friend
फलसफा Philosophy/ reason
सहरा Desert
Note: Pictures clicked using Kodak MFT in feb 2017